जब हम भूल भुलैया में हो, तब तीन तरीके अपनाए जा सकते है
1. मन ही मन भगवान् का ध्यान करते हुए घूमे फिरे, परिवार-दोस्त जिनके भी साथ गए हो उनके साथ आनन्द पूर्वक समय व्यतीत करे। – भाग लो
2. अग्नि से सभी बागड़ को भस्म कर, सारा खेल ख़त्म करदे और सब शोर शराबा शान्त करदे। - भस्म करदो
3. एक जागह शान्त बैठ कर भगवान् का ध्यान, भजन, पूजन करने बैठ जाए। जब शाम को द्वार बन्द करने का समय आएगा, कोई guard (भगवान्) आकर आपको बाहर निकाल ले जाएगा :-) – भाग जाओ
यह है भगवान् के द्वारा गीता में बताये 3 मार्ग – कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग ।
जिसे जो मार्ग ठीक लगे, वो अपना ले।
Bhagwan Krishn says, most simple of above three paths is the first one (karm yog). Since, all three गुण (सत – रज – तमस) of nature play their role and make the individual dance on their tunes, it is better to let them manifest, but individual should remain a spectator / observer and watch them doing so. This concept so interesting and makes life a very easy, peaceful, and yet full of action.
Note: Sincere thanks to Dr. Sandeep Atre sir for encouraging me to write blogs, doing so after a long time.
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