यत्पुण्यं सर्वयज्ञेषु दीक्षया च लभेन्नर:। तत्पुण्यं लभते सद्यो गोभ्यो दत्वा तृणानि च।।
अर्थात सारे यज्ञ करने में जो पुण्य है और सारे तीर्थ नहाने का जो फल मिलता है, वह गौ माता को चारा डालने से सहज ही प्राप्त हो जाता है।
Responding to a curiosity of students, on reason behind joining Banasthali… i replied the university houses a gaushala. Surprised by my reply they further remarked – बस ! सिर्फ इसलिए आ गए ?
Banasthali’s Gau-Shala
The Gurukul in Bharat had an important component- Gaushala, which was the central source of all positive vibrations. Gaumata insulates the place from all kinds of negatives and generates a healthy environment.
For example Nandini Gau of Brahmarshi Vashishth’s Aashram, she helped Aashram to serve food to army of Vishwamitra, at time of drought, and saved Aashram when Vishwamitra attacked.
Gaushala at Banasthali
A story of dialogue between Akbar and Birbal would be very relevant to share:
अकबर : बीरबल, दुग्ध कौनसा सर्वश्रेष्ठ है ?
बीरबल : भैस का !
अकबर : तुम हमेशा तो गौ-माता गौ माता करते रहते हो और आज दुग्ध तुमको भैस का श्रेष्ठ लगता है !
बीरबल : आपने यह प्रश्न थोड़ी किया था कि अमृत कौनसा श्रेष्ठ है। आप यह पूँछते तो अवश्य कहता कि गौ अमृत श्रेष्ठ है।
This reply of Birbal is not just a hyperbole, but science has now acknowledged this fact. Milk of Bharatiya Gaumata contains A-2 type beta-casein protein. Further cows grazing pasture and receiving no supplemental feed had 500% more conjugated linoleic acid (CLA) in milk fat than cows fed typical dairy diets[1]. CLA is the most effective anti-cancerous agent. This proves what Birbal meant to say, when he termed Gau’s milk – an amrit
Various shloks highlighting the importance of Gau include
या लक्ष्मी : सर्व भूतानां सर्व देवष्ववस्थिता ॥ धेनरूपेण सा दे मम पापं व्यपोह्तु ॥
नमो गोभ्य: श्रीमतीभ्य: सौरभेयीभ्य एव च ॥ नमो ब्रह्मसुताभ्यश्च पवित्राभ्यो नमो नम: ॥
यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत्स्थावरजङ्गमम् ॥ तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम् ॥
यह लक्ष्मी जो सर्व प्रकारके भूतोंमें, जो सभी देवताओंमें विद्यमान हैं, वह गो स्वरूपिणी देवी हमारे पापोको दूर करें, जो सभी प्रकारसे पवित्र है, उन लक्ष्मी रूपिणी सुरभि कामधेनुकी संतान तथा ब्रह्म पुत्री गायोंको बार-बार नमस्कार है |
सुरभिस्त्वंजगन्मातर्देवि विष्णुपदे स्थिता । सर्वदेवमयी ग्रासं मयादत्तमिमं ग्रस॥
योऽग्रं भक्तं किंचिदप्राश्य दद्याद् गोभ्यो नित्यं गोव्रती सत्यवादी।
शान्तोऽलुब्धो गोसहस्रस्य पुण्यं संवत्सरेणाप्नुयात् सत्यशील:।।
यदेकभक्तमश्नीयाद् दद्यादेकं गवां च यत्। दर्शवर्षाण्यनन्तानि गोव्रती गोऽनुकम्पक:।।
गौ माता जगत की माता है और विष्णु के चरण में उनका निवास है । जो गोसेवा का व्रत लेकर प्रतिदिन भोजन से पहले गौओं को गोग्रास अर्पण करता है तथा शान्त एवं निर्लोभ होकर सदा सत्य का पालन करता रहता है, वह सत्यशील पुरुष प्रतिवर्ष एक सहस्र गोदान करने के पुण्य का भागी होता है। जो गोसेवा का व्रत लेने वाला पुरुष गौओं पर दया करता और प्रतिदिन एक समय भोजन करके एक समय का अपना भोजन गौओं को दे देता है, इस प्रकार दस वर्षों तक गोसेवा में तत्पर रहने वाले पुरुष को अनन्त सुख प्राप्त होते हैं।
गवां दृष्ट्वा नमस्कृत्य कुर्याच्चैव प्रदक्षिणम्। प्रदक्षिणीकृता तेन सप्तद्वीपा वसुन्धरा।।
मातर: सर्वभूतानां गाव: सर्वसुखप्रदा:। वृद्धिमाकाङ्क्षता पुंसा नित्यं कार्या प्रदक्षिणा।।
गौ दिखने पर उनको नमस्कार कर उनकी प्रदक्षिणा करना सात द्वीपों वाली पृथ्वी की परिक्रमा के समान है। गौ सभी प्राणियों की माता है जिनकी प्रदक्षिणा करने से सभी सुख प्राप्त होते है।
References
- श्लोक – महाभारत अनुशासन पर्व
- भारतीय गौ – पथमेड़ा १,५०,००० गौ माता का निवास
- http://www.pathmedagodham.org/
- World Bank report :- Happy cows help save planet http://www.worldbank.org/en/news/video/2013/10/08/happy-cows-help-save-planet-climate-smart-agriculture-costa-rica
- Basics of Gausewa – http://www.pathmedagodham.org/index.php?option=com_content&view=article&id=22&Itemid=124&lang=en
- Gau mata and Jersy difference http://www.pathmedagodham.org/index.php?option=com_content&view=article&id=37&Itemid=173&lang=hi
[1] Dhiman, T. R., Anand, G. R., Satter, L. D., & Pariza, M. W. (1999). Conjugated linoleic acid content of milk from cows fed different diets. Journal of Dairy Science, 82(10), 2146-2156. This paper has been cited 612 times
[2] Laugesen, M., & Elliott, R. B. (2003). Ischaemic heart disease, Type 1 diabetes, and cow milk A1 β-casein. The New Zealand Medical journal Vol 116 (1168) ISSN 1175 8716
January 31, 2016 at 1:34 pm
every Indian must read this..
March 29, 2018 at 1:17 pm
Can you have any Contact Number of Gaushala Management Officer of Bana sthali university Rajasthan,if yes please provide me,I shall be highly obliged to you.