॥ श्री गणेशाय नमः ॥ यत्पुण्यं सर्वयज्ञेषु दीक्षया च लभेन्नर:। तत्पुण्यं लभते सद्यो गोभ्यो दत्वा तृणानि च।। अर्थात सारे यज्ञ करने में जो पुण्य है और सारे तीर्थ नहाने का जो फल मिलता है, वह गौ माता को चारा डालने… Continue Reading →
आज कल धर्म -अधर्म के निर्णय supreme court के judge लोगों पर छोड़ दिए जाते है। चरित्र निर्माण, जीवन -मूल्य, जीवन -चर्या, ब्रह्मचर्य इत्यादि महत्वपूर्ण विषय साधारण मनुष्यों के विचारों के आधार पर नहीं हो सकते। भारत में ऋषि-मुनियों द्वारा… Continue Reading →
Last day, a thought came in my mind-how many people have actually got converted since I had been discussing about decolonization, academic imperialism, indigenous education etc. And answer was none (zero). Suddenly, I felt happy and rejoiced. And rephrased the… Continue Reading →
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