यदि स्वतंत्र होने पर भी कोई बन्दी परतंत्रता की बेड़ियों पर हार-पुष्प अर्पित कर उन्ही के साथ उत्सव मनाए, कारावास में दी जाने वाली यातनाओं को अपना रीति-जीवन पद्धति बना ले, तो ऐसे व्यक्ति को आप क्या कहेंगे? आप कहेंगे,… Continue Reading →
मैं भी स्वतन्त्रता मनाना चाहता हूँ- लेकिन पहले भारत स्वतंत्र तो हो मैं भी स्वतन्त्रता के गीत गाना चाहता हूँ – लेकिन pop music पीछा नहीं छोड़ता मैं भी स्वतन्त्रता का भोग चढ़ाना चाहता हूँ – लेकिन mcdonald पीछा नहीं छोड़ता… Continue Reading →
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