यदि स्वतंत्र होने पर भी कोई बन्दी परतंत्रता की बेड़ियों पर हार-पुष्प अर्पित कर उन्ही के साथ उत्सव मनाए, कारावास में दी जाने वाली यातनाओं को अपना रीति-जीवन पद्धति बना ले, तो ऐसे व्यक्ति को आप क्या कहेंगे? आप कहेंगे,… Continue Reading →
आज कल धर्म -अधर्म के निर्णय supreme court के judge लोगों पर छोड़ दिए जाते है। चरित्र निर्माण, जीवन -मूल्य, जीवन -चर्या, ब्रह्मचर्य इत्यादि महत्वपूर्ण विषय साधारण मनुष्यों के विचारों के आधार पर नहीं हो सकते। भारत में ऋषि-मुनियों द्वारा… Continue Reading →
एक समय की बात है Science ( विज्ञान नहीं ) नाम का राक्षस था …. वह बहुत क्रूर था …..मनाव जाति का विनाश करना चाहता था.… लेकिन उसे चर्च ने बंदी बना रखा था ….कारावास में हि उसने घोर तपस्या… Continue Reading →
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