यदि स्वतंत्र होने पर भी कोई बन्दी परतंत्रता की बेड़ियों पर हार-पुष्प अर्पित कर उन्ही के साथ उत्सव मनाए, कारावास में दी जाने वाली यातनाओं को अपना रीति-जीवन पद्धति बना ले, तो ऐसे व्यक्ति को आप क्या कहेंगे? आप कहेंगे,… Continue Reading →
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